चीनी नहीं, मीठा ज़हर खा रहे हैं आप!

Chandu
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नई दिल्ली। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में चीनी का इस्तेमाल आम बात है — सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, यही मीठा स्वाद धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर रहा है।

रिफाइंड चीनी को आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञ ‘सफेद ज़हर’ कहते हैं। गन्ने से बनने के बावजूद, रिफाइनिंग प्रक्रिया में इसके सभी प्राकृतिक पोषक तत्व जैसे फाइबर, विटामिन और खनिज नष्ट हो जाते हैं। इससे यह सिर्फ खाली कैलोरी का स्रोत बन जाती है जो वजन बढ़ाती है, पर पोषण नहीं देती।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी नशे की तरह आदत डाल देती है क्योंकि यह डोपामिन हार्मोन रिलीज़ कर मस्तिष्क को तात्कालिक खुशी का एहसास कराती है। यह आजकल ब्रेड, सॉस, अचार, स्नैक्स और पैक्ड फूड में फ्रुक्टोज, कॉर्न सिरप, डेक्सट्रोज़ जैसे नामों से छिपी होती है।

अधिक चीनी सेवन से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां आती हैं और दिल व लिवर संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
आयुर्वेदिक सलाह: रिफाइंड चीनी की जगह गुड़, मिश्री, खांड, शहद, खजूर, अंजीर और स्टीविया जैसे प्राकृतिक विकल्प अपनाएं।

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